पढ़ाई का शौक कहाँ खत्म हो गया?

पढ़ाई का शौक कहाँ खत्म हो गया?

पढ़ाई का शौक कहाँ खत्म हो गया?

Blog Article

यह सवाल आजकल हर किसी के मन में उठ रहा है। अक्सर बच्चों को पढ़ाई में {रुचि interest|शौकजुनून नहीं होता, और वे पढ़ने की जगह व्यर्थ में बिताते हैं। ऐसे बहुत से कारण है जो आजकल बच्चों में पढ़ाई का जुनून कम कर रहे हैं: जैसे कि सोशल मीडिया, कई काम करने वाले माता-पिता, और दबावतनाव।

यह जरूरी है कि हम बच्चों को पढ़ाई में {रुचि interest|शौक भरने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें पढ़ाई में मजेदार बनाएं और उनके अध्ययन |विकास को प्राथमिकता दें।

मन पढ़ाई से भटक रहा है

जब मैंने ज्ञान प्राप्त करने का शौक हो, तो हम अपने आप को स्वच्छ क्षेत्रों में खोकर पाते हैं। फिर भी जब मन पढ़ाई से भटकता है, तो यह हमारे सफलता का मार्ग में एक बड़ी कठिनाई बन जाती है। यह तब होता है जब हम अपने अध्ययन से विरत खेलों में शामिल हो जाते हैं.

पाठ्यक्रम में ढील आ गयी

यह सच है कि आजकल कई छात्रों ने शिक्षा के दिक्का का सामना कर रहे हैं. पहले तो लगातार सीखते थे, पर अब शांत वातावरण में एक शांत जगह नहीं मिल पाता.

यह परिस्थिति एक गंभीर चिंता का विषय है. हमें जल्दी से अपनी स्थिति को पढ़ाई में मन नहीं लगता सुधारना होगा.

जहाँ बौद्धिक उमंग गयी

यह सच है कि आजकल आत्मा की एक अभूतपूर्व कमी महसूस होती है। हम तो भूतकाल में प्रगति की कहानियाँ सुनते थे, जब लोग प्रेम से भरे होते। आजकल तो लड़कों और लड़कियों का दिल सिर्फ़ अपने अस्तित्व में खोए हैं। क्या यह सही है? क्या हमें अपने संस्कृति को संजोना होगा, या हम सिर्फ़ अंधकार में खो जाएँगे?

  • समाज
  • ज्ञान

पढ़ाई में आत्मा नहीं

या काळात , विद्यार्थी सध्या पढाई करतो . फक्त {ज्ञानार्जनात गौरव नाही तर उपाय असणे महत्त्वाचे.

पाठ्याच्या विचारांनी कार्यक्षमतेनुसार अध्ययन केले जावे, तेव्हा आगे पडू शकतो.

अलग विचार : पढ़ाई से दूर जाता है

पढ़ाई के पथ पर चले रहने वाले हर छात्र को कभी-कभी एक निराला मन का सामना करना पड़ता है। यह मन अक्सर बाहरी दुनिया की बाधाओं से ऊपर उठकर स्वयं के सपनों और विचारों में खो जाता है। ऐसा होता है क्योंकि पढ़ाई का भार, जीवन में आने वाली चुनौतियाँ या फिर आंतरिक प्रेरणा की कमी ।

एक निराला मन कभी-कभी एक अनोखा स्रोत बन जाता है, जो नई खोजों और रचनात्मकता को जन्म देता है।

Report this page